Pension Calculator: 10 साल की नौकरी के बाद कितनी पेंशन मिलेगी? समझें EPF पेंशन कैलकुलेशन का फॉर्मूला

Category: epfo-pension-latest-update » by: Lalchand » Update: 2025-04-25

Pension Calculator, EPF पेंशन कैलकुलेशन का फॉर्मूला EPFO Pension Calculator: - अगर किसी कर्मचारी ने सिर्फ 10 साल तक नौकरी की है और हर साल ईपीएफ (प्रोविडेंट फंड) में योगदान किया है, तो वह रिटायरमेंट के बाद पेंशन प्राप्त करने का हकदार होता है। हालांकि, यह भी सच है कि जितने ज्यादा वर्षों तक नौकरी की जाएगी और नियमित योगदान किया जाएगा, उतनी ही ज्यादा पेंशन की राशि मिलने की संभावना बढ़ जाती है।

Pension Calculator: 10 साल की नौकरी के बाद कितनी पेंशन मिलेगी? समझें EPF पेंशन कैलकुलेशन का फॉर्मूला

EPFO Pension Calculator 

एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन (EPFO) देश के संगठित क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों के हित में कई योजनाएं चलाता है, जिनमें से एक है एम्प्लॉई पेंशन स्कीम (EPS)। यह योजना भारत के सबसे बड़े सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों (Social Security Programmes) में गिनी जाती है। इस योजना के अंतर्गत, कर्मचारियों को उनकी सेवा अवधि और वेतन के आधार पर मासिक पेंशन प्रदान की जाती है।

एम्प्लॉई पेंशन स्कीम की शुरुआत 16 नवंबर 1995 को की गई थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद नियमित आय प्रदान करना है, ताकि वे आर्थिक रूप से सुरक्षित रह सकें।

EPS की प्रमुख विशेषताएं (Key Features of EPS)

न्यूनतम सेवा अवधि: कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के तहत पेंशन प्राप्त करने के लिए कम से कम 10 वर्षों की सेवा आवश्यक है। यदि आपने EPF सदस्य के रूप में 10 साल की नौकरी की है, तो आप इस योजना के अंतर्गत पेंशन के पात्र हैं।

  • न्यूनतम मासिक पेंशन: ₹1000
  • अधिकतम मासिक पेंशन: ₹7500

EPS के लिए एलिजिबिलिटी (Eligibility criteria for EPS)

EPS (Employees' Pension Scheme) के अंतर्गत पेंशन प्राप्त करने के लिए कुछ जरूरी पात्रता शर्तें होती हैं। सबसे पहले, कर्मचारी को EPFO का पंजीकृत सदस्य होना चाहिए। इसके साथ ही, उसे नौकरी के दौरान नियमित रूप से EPS स्कीम में योगदान (कंट्रीब्यूशन) किया होना चाहिए। EPS पेंशन का लाभ उठाने के लिए कर्मचारी ने कम से कम 10 वर्षों तक नौकरी की होनी चाहिए। इसके अलावा, इस स्कीम के अंतर्गत पेंशन का लाभ कर्मचारी को तभी मिलेगा जब वह 58 वर्ष की आयु पूरी कर लेता है।

EPF (Employees' Provident Fund) के तहत कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी का 12% हर महीने प्रोविडेंट फंड में जमा करता है। इसके साथ-साथ कंपनी भी कर्मचारी के EPF अकाउंट में उतना ही यानी 12% योगदान करती है।

हालांकि, कंपनी के इस 12% योगदान को दो हिस्सों में बाँटा जाता है –

  • 8.33% हिस्सा कर्मचारी की पेंशन स्कीम (EPS - Employees' Pension Scheme) में जाता है,
  • जबकि शेष 3.67% हिस्सा कर्मचारी के प्रोविडेंट फंड (EPF) अकाउंट में जमा किया जाता है।

साल 2014 से केंद्र सरकार ने EPS-1995 के तहत न्यूनतम पेंशन (Minimum Pension) को 1000 रुपये प्रतिमाह रखा है. हालांकि लंबे वक्त से न्यूनतम पेंशन को प्रति माह 7500 रुपये करने की मांग की जा रही है. अगर कोई कर्मचारी 10 सालों तक काम करता है तो वह कितनी पेंशन पाने की उम्मीद कर सकता है चलिए जानते हैं.

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EPS पेंशन कैलकुलेशन फॉर्मूला (EPS Pension Calculation Formula)

EPS (Employee Pension Scheme) के तहत मासिक पेंशन की गणना करने के लिए निम्नलिखित फॉर्मूला का उपयोग किया जाता है:

मासिक पेंशन = (पेंशनेबल सैलरी × पेंशनेबल सर्विस) ÷ 70

👉 पेंशनेबल सैलरी क्या है?

पेंशनेबल सैलरी का मतलब है – आपकी रिटायरमेंट से पहले की अंतिम 60 महीनों की औसत मासिक सैलरी। EPS में अधिकतम सैलरी की सीमा ₹15,000 मानी जाती है, भले ही आपकी सैलरी इससे अधिक हो।

👉 पेंशनेबल सर्विस क्या है?

पेंशनेबल सर्विस वह कुल अवधि होती है जितने साल तक आपने EPS में योगदान किया है। यदि आपकी सर्विस 6 महीने से ज्यादा है, तो उसे 1 साल माना जाएगा। उदाहरण: 9 साल 7 महीने = 10 साल।

उदाहरण:

मान लीजिए किसी कर्मचारी की:

  • पेंशनेबल सैलरी = ₹15,000
  • पेंशनेबल सर्विस = 10 साल
  • तो उसकी मासिक पेंशन इस प्रकार होगी:
  • (₹15,000 × 10) ÷ 70 = ₹2,143 प्रति माह
ध्यान देने योग्य बातें:

  • न्यूनतम पेंशन प्राप्त करने के लिए कर्मचारी को कम से कम 10 साल तक EPS में योगदान देना जरूरी है।
  • जितने अधिक साल आप सेवा में रहेंगे, आपकी पेंशन उतनी ही ज्यादा होगी।
  • EPS पेंशन 58 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद मिलती है (कुछ मामलों में 50 वर्ष से भी शुरू हो सकती है परंतु कटौती के साथ)।

EPS पेंशन के प्रकार (Types of EPS Pension)

सेवानिवृत्ति पेंशन (Superannuation Pension):

यह पेंशन तब मिलती है जब EPFO सदस्य 58 वर्ष की आयु पूरी कर लेता है और कम से कम 10 वर्षों तक EPF में योगदान दिया हो। इस स्थिति में उसे नियमित मासिक पेंशन का लाभ मिलता है।

अर्ली पेंशन (Early Pension):

अगर कोई सदस्य 58 वर्ष की उम्र से पहले यानी कम से कम 50 वर्ष की उम्र के बाद रिटायर होना चाहता है, और उसने कम से कम 10 वर्ष EPS में योगदान किया है, तो वह अर्ली पेंशन के लिए पात्र होता है। हालांकि, इसमें पेंशन राशि में कटौती की जाती है।

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विधवा पेंशन (Widow Pension):

यदि किसी EPFO सदस्य की मृत्यु हो जाती है, तो उसके जीवनसाथी को मासिक विधवा पेंशन मिलती है। यह पेंशन जीवनभर मिलती है या तब तक मिलती है जब तक विधवा/विधुर पुनः विवाह नहीं करता।

बाल पेंशन (Child Pension):

मृत EPFO सदस्य के बच्चों को यह पेंशन दी जाती है। अधिकतम दो बच्चों को 25 वर्ष की आयु तक मासिक बाल पेंशन दी जाती है। यह विधवा पेंशन के साथ अतिरिक्त रूप से मिलती है।

अनाथ पेंशन (Orphan Pension):

यदि EPFO सदस्य और उसके जीवनसाथी दोनों की मृत्यु हो जाती है, तो अधिकतम दो बच्चों को 25 वर्ष की आयु तक अनाथ पेंशन दी जाती है। इसमें बाल पेंशन से थोड़ी अधिक राशि दी जाती है।

विकलांगता पेंशन (Disability Pension):

यदि कोई सदस्य सेवा के दौरान स्थायी रूप से विकलांग हो जाता है, तो वह विकलांगता पेंशन का पात्र होता है। इसके लिए उम्र या 10 वर्षों तक योगदान की कोई शर्त नहीं होती। केवल इतना जरूरी है कि सदस्य EPS स्कीम में पंजीकृत हो और उसमें कुछ समय तक योगदान किया हो (जैसे 2 साल)।

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अर्ली पेंशन का ऑप्शन (Early Pension Option)

वे कर्मचारी जो 58 वर्ष की आयु से पहले पेंशन लेना चाहते हैं, वे कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के तहत "अर्ली पेंशन" का विकल्प चुन सकते हैं। हालांकि, इस विकल्प को चुनने के लिए कुछ आवश्यक शर्तें पूरी करनी होती हैं।

सबसे पहले, कर्मचारी की आयु कम से कम 50 वर्ष होनी चाहिए और उन्होंने न्यूनतम 10 वर्षों की सेवा पूरी की होनी चाहिए। यदि ये दोनों शर्तें पूरी हो जाती हैं, तो वे अर्ली पेंशन के लिए पात्र माने जाते हैं।

लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि अर्ली पेंशन का लाभ लेने पर आपकी मासिक पेंशन राशि में कटौती की जाती है। हर वर्ष की जल्द से जल्द निकासी पर पेंशन में 4% की कटौती होती है। उदाहरण के तौर पर, अगर कोई कर्मचारी 55 वर्ष की उम्र में पेंशन लेना शुरू करता है, तो उसकी पेंशन राशि में कुल 12% (3 साल x 4%) की कटौती की जाएगी।

EPS पेंशन बढ़ाने के तरीके

अगर आप अपनी EPS (Employees’ Pension Scheme) पेंशन को बढ़ाना चाहते हैं, तो आपको कुछ खास बातों का ध्यान रखना होगा। ये उपाय आपके रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी को आर्थिक रूप से सुरक्षित बनाने में मदद करेंगे।

  • लंबे समय तक सेवा करें - आपकी पेंशन आपके कार्यकाल (सर्विस पीरियड) पर निर्भर करती है। जितने अधिक साल आप काम करेंगे, आपकी पेंशनेबल सर्विस उतनी ही बढ़ेगी और इसके साथ ही आपकी पेंशन की राशि भी ज्यादा होगी।
  • उच्च वेतन प्राप्त करें - पेंशन की गणना आपकी आखिरी पेंशनेबल सैलरी के आधार पर होती है। अगर आपकी सैलरी ज्यादा है, तो आपकी पेंशन भी उसी अनुसार अधिक होगी। इसलिए उच्च वेतन वाली नौकरियों को प्राथमिकता दें।
  • नियमित EPS योगदान करें - EPS स्कीम में नियमित योगदान बहुत जरूरी है। इसका सीधा असर आपकी पेंशन राशि पर पड़ता है। सुनिश्चित करें कि आपके PF खाते में लगातार EPS का हिस्सा जमा हो रहा है।
  • हायर पेंशन स्कीम का विकल्प चुनें - यदि आप पात्र हैं, तो EPFO की हायर पेंशन स्कीम का चयन करें। यह स्कीम आपको आपकी वास्तविक सैलरी के आधार पर पेंशन का लाभ देती है, जिससे आपका मासिक पेंशन अमाउंट काफी बढ़ सकता है।

इन उपायों को अपनाकर आप अपनी EPS पेंशन को बेहतर बना सकते हैं और रिटायरमेंट के बाद आर्थिक रूप से स्वतंत्र जीवन जी सकते हैं।

EPFO Pension: क्या नौकरी के साथ भी ले सकते हैं EPS पेंशन? क्या हैं EPFO के नियम? जानें

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FAQ's- EPFO Pension Calculator In Hindi

1. EPF पेंशन कैसे कैलकुलेट की जाती है?

EPF पेंशन की गणना EPS पेंशन कैलकुलेशन फॉर्मूला के आधार पर की जाती है। इसका फॉर्मूला है:

मासिक पेंशन = (पेंशनेबल सैलरी × पेंशनेबल सर्विस) ÷ 70। इसमें, पेंशनेबल सैलरी रिटायरमेंट से पहले के 60 महीनों की औसत सैलरी होती है, और पेंशनेबल सर्विस वह अवधि होती है जब आपने EPS में योगदान किया। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी कर्मचारी की पेंशनेबल सैलरी ₹15,000 और पेंशनेबल सर्विस 10 साल है, तो उसकी पेंशन ₹2,143 प्रति माह होगी।

2. EPF पेंशन के लिए पात्रता क्या है?

EPF पेंशन प्राप्त करने के लिए कर्मचारी को EPFO का पंजीकृत सदस्य होना चाहिए। इसके अलावा, कर्मचारी को कम से कम 10 वर्षों तक EPS में योगदान करना आवश्यक है। पेंशन प्राप्त करने के लिए कर्मचारी की आयु 58 वर्ष होनी चाहिए। हालांकि, यदि कर्मचारी 50 वर्ष की उम्र में रिटायर होता है, तो भी वह अर्ली पेंशन का लाभ ले सकता है, लेकिन इसमें पेंशन राशि में कटौती होती है।

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3. क्या EPF पेंशन को बढ़ाने के लिए कुछ उपाय हैं?

EPF पेंशन को बढ़ाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय हैं। सबसे पहला उपाय है कि आप लंबे समय तक सेवा करें, क्योंकि आपकी पेंशन आपके कार्यकाल पर निर्भर करती है। दूसरा उपाय है कि आप उच्च वेतन प्राप्त करें, क्योंकि पेंशन का निर्धारण आपकी आखिरी सैलरी के आधार पर होता है। तीसरा, नियमित EPS योगदान सुनिश्चित करें और अंत में हायर पेंशन स्कीम का विकल्प चुनें यदि आप पात्र हैं, जिससे पेंशन राशि में वृद्धि हो सकती है।

4. क्या कोई अर्ली पेंशन का विकल्प है?

हां, कर्मचारी यदि 58 वर्ष से पहले रिटायर होना चाहता है और उसने कम से कम 10 वर्षों तक EPS में योगदान किया है, तो वह अर्ली पेंशन का विकल्प चुन सकता है। हालांकि, अर्ली पेंशन लेने पर पेंशन राशि में 4% प्रति वर्ष की कटौती होती है। उदाहरण के लिए, यदि कोई कर्मचारी 55 वर्ष की आयु में पेंशन लेना शुरू करता है, तो उसकी पेंशन में 12% की कटौती होगी।

5. EPF पेंशन की न्यूनतम और अधिकतम राशि क्या होती है?

EPF पेंशन की न्यूनतम राशि ₹1,000 प्रति माह और अधिकतम राशि ₹7,500 प्रति माह होती है। यदि आपकी पेंशन राशि इन सीमाओं से कम है, तो सरकार आपको न्यूनतम राशि ₹1,000 प्रतिमाह प्रदान करेगी। यह सुनिश्चित करता है कि पेंशन का लाभ सभी कर्मचारियों को मिले, चाहे उनका योगदान कितना भी कम क्यों न हो।