12वीं में टॉप करने वालों को मुफ्त हवाई सफर, इन छात्रों को मिलेगा फ्री हवाई यात्रा करने का मौक़ा Students Free Air Travel
Students Free Air Travel Scheme - राजस्थान में शिक्षा के क्षेत्र में एक नई और प्रेरणादायक पहल की शुरुआत की गई है। अब ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों से निकलने वाले मेधावी छात्र सिर्फ अच्छे अंकों तक ही सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि उन्हें देश के महानगरों का शैक्षणिक दौरा करने का अवसर भी मिलेगा। यह खास योजना जय आबूराज सेवा संस्थान फाउंडेशन, मुंबई और राजस्थान शिक्षा विभाग की साझेदारी में शुरू की गई है, जिसमें छात्रों को फ्री हवाई यात्रा का अनुभव मिलेगा।

मुंबई की शैक्षणिक यात्रा पर जाएंगे 12वीं के टॉपर्स
इस योजना के तहत पाली, जालौर, सिरोही, राजपुरिया और रामगंजमंडी जिलों के कक्षा 12वीं के टॉपर्स (कला, वाणिज्य और विज्ञान संकाय से) को मुंबई की शैक्षणिक यात्रा करवाई जाएगी।
इस यात्रा में:
- छात्रों को हवाई यात्रा का पहला अनुभव मिलेगा।
- मुंबई जैसे महानगर में उन्हें शिक्षा से जुड़े नए अवसरों को समझने और देखने का मौका मिलेगा।
- वे शहर के शैक्षणिक माहौल, विश्वविद्यालयों और करियर विकल्पों से अवगत हो सकेंगे।
ग्रामीण शिक्षा को मिलेगा नया आयाम
यह योजना विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के मेधावी छात्रों के लिए शुरू की गई है। इसका उद्देश्य है:
- शिक्षा के प्रति ग्रामीण विद्यार्थियों में उत्साह और प्रतिस्पर्धा को बढ़ाना।
- सरकारी शिक्षा तंत्र को सशक्त और प्रेरणादायक बनाना।
- ऐसे छात्रों के आत्मविश्वास को नई उड़ान देना जो सीमित संसाधनों के बावजूद अच्छा प्रदर्शन करते हैं।
देश में यह पहली बार है जब किसी गैर-सरकारी संस्था द्वारा सरकारी शिक्षा विभाग के साथ मिलकर इतनी व्यापक स्तर पर हवाई भ्रमण योजना चलाई जा रही है।
योजना के क्रियान्वयन के लिए हुआ एमओयू
इस प्रेरणादायक योजना को ज़मीनी स्तर पर उतारने के लिए राज्य परियोजना निदेशक अनुपमा जोरवाल और जय आबूराज सेवा संस्थान के निदेशक मोहनलाल माली के बीच एमओयू (MOU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस अवसर पर:
- शिक्षा विभाग की सहायक निदेशक डॉ. स्नेहलता शर्मा
- और कई स्थानीय शिक्षकगण भी उपस्थित रहे।
निष्कर्ष - Rajasthan 12th Topper Students Free Air Travel
यह योजना न केवल टॉप करने वाले छात्रों को सम्मानित करने का एक सुंदर प्रयास है, बल्कि यह ग्रामीण प्रतिभाओं को देश की मुख्यधारा से जोड़ने की एक मजबूत पहल भी है। इससे न केवल छात्रों का आत्मबल बढ़ेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी यह एक प्रेरणा बनेगी।