पुराने पेड़ों को सरकार देगी 3000 रूपए पेंशन, 30 जून तक कर सकते है आवेदन Tree Pension Scheme
Tree Pension Scheme, पेड़ों की पेंशन योजना, Tree Pension Scheme 2025 - हरियाणा सरकार ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम उठाया है। अब राज्य में 75 वर्ष या उससे अधिक आयु के पुराने पेड़ों को भी "बुढ़ापा पेंशन" मिलेगी, ठीक उसी तरह जैसे बुजुर्ग नागरिकों को पेंशन दी जाती है। इस योजना को "Tree Pension Scheme" नाम दिया गया है और इसका उद्देश्य है पुराने पेड़ों का संरक्षण और उनकी उचित देखभाल को सुनिश्चित करना।

🌱 पेड़ों की पेंशन योजना क्या है?
पेड़ों की यह पेंशन योजना पहली बार वर्ष 2023 में शुरू की गई थी, जिसमें पहले 2750 रुपये प्रतिवर्ष की राशि निर्धारित की गई थी। अब 2025-26 के बजट में इसे बढ़ाकर 3000 रुपये प्रतिवर्ष कर दिया गया है। यह राशि पेड़ों की सिंचाई, खाद, देखभाल और सुरक्षा पर खर्च की जाएगी। यह योजना दर्शाती है कि राज्य सरकार प्राकृतिक धरोहरों को परिवार का हिस्सा मानकर उनका सम्मान और संरक्षण कर रही है।
🌴 पेड़ों को पेंशन देने का विचार क्यों आया?
- पेड़ हमारे जीवन का आधार हैं – वे छाया देते हैं, ऑक्सीजन देते हैं और जलवायु संतुलन बनाए रखते हैं।
- बढ़ती कटाई और घटते जंगलों के बीच यह एक संवेदनशील पहल है।
- सरकार चाहती है कि लोग पेड़ों को भी परिवार के बुजुर्ग सदस्य की तरह सम्मान दें और उनकी देखभाल करें।
🌳 किन पेड़ों को मिलेगा पेंशन का लाभ?
पेड़ों की पेंशन योजना का लाभ उन्हें मिलेगा जिनके पास:
- 75 वर्ष या उससे अधिक उम्र के जीवित पेड़ हों।
- पेड़ घर, खेत या संस्था की भूमि पर स्थित हों।
- भूमि के स्वामित्व का प्रमाण (जमाबंदी, लीज या पेट्टा आदि) मौजूद हो।
- पेड़ की उम्र का प्रमाण (विशेषज्ञ द्वारा प्रमाण पत्र या शपथ पत्र) हो।
🌿 प्राथमिकता इन वृक्षों को:
- पीपल
- बरगद
- आम
- जामुन
- नीम
- बूलर
- पिलखन
📝 आवेदन प्रक्रिया – कैसे करें पेड़ों की पेंशन के लिए आवेदन?
- 📅 अंतिम तिथि: 30 जून 2025, शाम 5 बजे तक
📌 आवेदन की प्रक्रिया:
- आवेदन फॉर्म भरें।
- इसे निकटतम वन रेंज ऑफिसर या वन मंडल अधिकारी के कार्यालय में जमा करें।
- आवश्यक दस्तावेज साथ में संलग्न करें।
📋 जरूरी दस्तावेज:
- भूमि स्वामित्व का प्रमाण पत्र
- पेड़ की उम्र का प्रमाण या शपथ पत्र
- पेड़ की हालिया फोटो
- आवेदक का आधार कार्ड या वोटर आईडी
सभी आवेदन जिला स्तरीय समिति द्वारा सत्यापित किए जाएंगे और पात्रता तय की जाएगी।
💰 पेंशन राशि और भुगतान कैसे होगा?
- वर्ष 2023 में राशि ₹2750 थी, जिसे अब बढ़ाकर ₹3000 प्रति वर्ष कर दिया गया है।
- यह राशि सीधे पेड़ के मालिक या संस्था के खाते में DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से भेजी जाएगी।
- इस राशि का उपयोग सिर्फ पेड़ की देखभाल के लिए किया जाना है।
- समय-समय पर सरकार राशि में संशोधन कर सकती है।
🌳 अब तक कितने पेड़ शामिल किए गए हैं?
- योजना के पायलट प्रोजेक्ट में वर्ष 2021 में केवल 75 पेड़ों को चुना गया था।
- अब तक हरियाणा में 3819 पुराने पेड़ इस योजना से लाभान्वित हो चुके हैं।
- सरकार का लक्ष्य है कि यह संख्या तेजी से बढ़े और हर पुराने पेड़ को उसका हक मिले।
📌 योजना से जुड़े विशेष नियम:
- केवल जीवित और स्वस्थ पेड़ ही पात्र होंगे।
- सूखे या मृत पेड़ इस योजना में शामिल नहीं किए जाएंगे।
- जिला समिति द्वारा स्थल निरीक्षण और सत्यापन अनिवार्य है।
- एक ही जमीन पर एक से अधिक योग्य पेड़ों के लिए पेंशन मिल सकती है।
🌿 इस योजना से क्या मिलेगा फायदा?
- पुराने पेड़ों को संरक्षण और देखभाल मिलेगी।
- ग्रामीणों और नागरिकों में जागरूकता बढ़ेगी।
- यह योजना पर्यावरणीय संकट से लड़ने की दिशा में एक सार्थक प्रयास है।
- इससे लोग पेड़ों को परिवार का हिस्सा मानकर उन्हें सम्मान देने लगेंगे।
🌱 निष्कर्ष: पेड़ों का संरक्षण, प्रकृति से प्रेम
हरियाणा सरकार की यह योजना सिर्फ एक सरकारी लाभ नहीं, बल्कि प्रकृति के प्रति हमारी जिम्मेदारी का अहसास है। यदि आपके पास 75 वर्ष या उससे अधिक उम्र का पेड़ है, तो आप भी इस योजना का हिस्सा बनिए, पेड़ की सेवा कीजिए और समाज को हरा-भरा बनाए रखने में योगदान दीजिए। आपका एक कदम, कई पीढ़ियों के लिए छांव बन सकता है।