1 रुपए का लोन कौन देता है और क्या सच में 1 रूपए का लोन मिलता है?

क्या 1 रूपए का लोन असल में मिलता है?
हां, एक रूपए का लोन असल में प्रतीकात्मक रूप से कुछ योजनाओं में दिया जाता है, खासकर सरकारी योजनाओं में। इसका असली मतलब ये नहीं कि बैंक सच में सिर्फ 1 रुपये का लोन देगा, बल्कि इसका मकसद होता है लोन की ब्याज दर को बेहद कम (शून्य या 1 रुपये प्रति वर्ष) करना।
जैसे:
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के तहत सरकार कुछ किसानों को 0% ब्याज पर लोन देती है अगर वे समय पर चुकता करते हैं।
कुछ राज्यों में महिलाओं के लिए 1 रूपए लोन योजना चलाई गई है जिसमें महिलाओं को प्रतीकात्मक रूप से 1 रुपया देकर लोन दिया जाता है ताकि वो आत्मनिर्भर बनें।
एक रुपए में लोन कौन देता है?
योजना का नाम | कौन देता है | किसे मिलता है | कितना लोन | ब्याज दर |
---|---|---|---|---|
महिला उद्यमिता योजना | राज्य सरकार या महिला विकास निगम | स्वयं सहायता समूह या महिला | ₹10,000 से ₹50,000 | सिर्फ ₹1 प्रतीकात्मक ब्याज |
किसान क्रेडिट कार्ड | बैंक और सहकारी संस्थाएं | योग्य किसान | ₹50,000 से ₹3 लाख | 0-4% ब्याज (समय पर चुकता पर) |
स्टार्टअप या स्वरोजगार योजनाएं | राज्य सरकारें (जैसे बिहार, मध्य प्रदेश) | बेरोजगार युवा | ₹50,000 से ₹5 लाख | 0% या 1 रुपया वर्षिक ब्याज |
असल में क्या 1 रूपए का "पूरा लोन" मिल सकता है?
नहीं, कोई बैंक या संस्था सिर्फ ₹1 का लोन नहीं देती। ऐसा करना प्रैक्टिकली मुमकिन नहीं है, क्योंकि उससे:
कागज़ी कार्रवाई का खर्च ज़्यादा होगा
बैंक को घाटा होगा
इसका कोई आर्थिक लाभ नहीं है
लेकिन कुछ योजनाओं में ₹1 के स्टांप पेपर पर लोन एग्रीमेंट करके यह दिखाया जाता है कि यह लोन सिर्फ भरोसे और सुविधा के लिए दिया गया है, खासकर महिला समूहों को।
निष्कर्ष:
1 रूपए का लोन असल में एक सोच और सहूलियत का प्रतीक है। सरकार या बैंक यह बताना चाहते हैं कि हम आपके साथ हैं, और आप बिना डर के अपने कदम बढ़ा सकते हैं। अगर आप भी सरकारी लोन योजनाओं का फायदा उठाना चाहते हैं, तो राज्य की आत्मनिर्भर भारत योजना, महिला स्वरोजगार योजना, या कृषि योजनाओं के पोर्टल पर जाएं।